सोमवती अमावस्या : पितृ दोष मुक्ति के सरल उपाय

पितृ दोष निवारण के आसान उपाय
 

 
जिस अमावस्या को सोमवार हो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। पुराणों में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है। हमारे शास्त्रों में इस दिन के लिए कुछ विशेष प्रयोग बताए गए हैं। जिनसे जीवन के समस्त कष्टों का निवारण किया जा सकता है।
 
प्रस्तुत है कुछ सरल उपाय :- 
 
 


 


प्रात: पीपल के वृक्ष के पास जाइए, उस पीपल के वृक्ष को एक जनेऊ दीजिए और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम भी उसी पीपल को अर्पित कीजिए। फिर पीपल और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिए। तत्पश्चात 108 बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा करके, शुद्ध रूप से तैयार की गई एक मिठाई पीपल के वृक्ष को अर्पित कीजिए।
 
परिक्रमा करते वक्त बोलने का मंत्र :-
 
* ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
 
परिक्रमा करते समय इस मंत्र का जाप करते जाइए। 108 परिक्रमा पूरी होने के बाद पीपल और भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हुए अपने हाथों हुए जाने-अनजाने अपराधों की क्षमा मांगिए। सोमवती अमावस्या के दिन की गई इस पूजा से जल्दी ही आपको उत्तम फलों की प्राप्ति होने लगती है।
 
दूसरा उपाय :-
 
 


 


* इस दिन अपने आसपास के वृक्ष पर बैठे कौओं और जलाशयों की मछलियों को (चावल और घी मिलाकर बनाए गए) लड्डू दीजिए। यह पितृ दोष दूर करने का उत्तम उपाय है।
 
तीसरा उपाय :-
 

 


 



पितृ दोष की शांति के लिए अमावस्या के अतिरिक्त भी प्रति शनिवार भी पीपल के वृक्ष की पूजा करना चाहिए। 
 
चौथा उपाय :-
 
 


 


* सोमवती अमावस्या के दिन दूध से बनी खीर दक्षिण दिशा में (पितृ की फोटो के सम्मुख) कंडे की धूनी लगाकर पितृ को अर्पित करने से भी पितृ दोष में कमी आती है। 
 
पांचवां उपाय :-
 
 


 


* सोमवती अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन एवं दक्षिणा (वस्त्र) दान करने से पितृ दोष कम होता है।
 
सोमवती अमावस्या पर करें निम्न मंत्र का जाप 
 
मंत्र-
 
* 'अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीर्अवन्तिका पुरी, द्वारावतीश्चैव सप्तैता मोक्ष दायिका।।
 
* गंगे च यमुनेश्चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा, सिंधु कावेरी जलेस्मिने संन्निधि कुरू।।'
 
सोमवती अमावस्या का व्रत सुहागिनों का प्रमुख व्रत हैं। सोमवार चंद्रमा का दिन हैं। इस दिन सूर्य तथा चंद्रमा एक सीध में स्थित होते हैं। इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य फल प्राप्ति वाला माना जाता हैं।
 

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