Falgun Amavasya Ki Katha: फाल्गुन अमावस्या की पौराणिक कथा के अनुसार एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, जिसमें पति-पत्नी और उनकी एक पुत्री थी। उनका जीवन सामान्य ही चल रहा था। जैसे-जैसे वर्ष बीतते गए, उनकी पुत्री भी धीरे-धीरे बड़ी होने लगी। बढ़ती उम्र के साथ उसमें स्त्रियों के गुणों का भी विकास होने लगा था। वह दिखने में अत्यंत ही सुंदर, सुशील और सर्व गुण सम्पन्न थी, लेकिन गरीब होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था।