स्कंद षष्ठी आज, जानें महत्व, व्रत की विधि और मंत्र
Skanda Sashti 2023: आज स्कंद षष्ठी व्रत मनाया जा रहा है। वर्ष 2023 में 3 नवंबर, दिन शुक्रवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत किया जाएगा। आज शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय का पूजन करने का विधान है। इस दिन घर की साफ-सफाई करके व्रत का संकल्प लेकर इस व्रत की शुरुआत की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।
महत्व : मान्यतानुसार इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से रोग, राग, दुख और दरिद्रता का निवारण होता है। भगवान कार्तिकेय के पूजन से हर मनोकामना को पूर्ण होने की मान्यता है। यह व्रत क्रोध, लोभ, अहं, काम जैसी बुराइयों पर विजय दिलाकर अच्छा और सुखी जीवन जीने की प्रेरणा देता है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन स्वामी कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से जीवन में उच्च योग के लक्षणों की प्राप्ति होती है।
धार्मिक शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत करने से काम, क्रोध, मद, मोह, अहंकार से मुक्ति मिलती है और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है। पुराणों में वर्णन मिलता है कि भगवान विष्णु ने माया मोह में पड़े नारद जी का इसी दिन उद्धार करते हुए लोभ से मुक्ति दिलाई थी। इस दिन कार्तिकेय के साथ भगवान श्रीहरि विष्णु जी के पूजन का विशेष महत्व माना गया है। इस व्रत से नि:संतानों को संतान की प्राप्ति तथा सफलता, सुख-समृद्धि, वैभव प्राप्त होता है। दरिद्रता-दुख का निवारण होता है तथा जीवन में धन-ऐश्वर्य मिलता है।
पूजन विधि-Puja Vidhi
- स्कंद षष्ठी व्रत के दिन घर की साफ-सफाई करें।
- प्रातः दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नानादि करके भगवान का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- व्रतधारी इस दिन दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भगवान कार्तिकेय का पूजन करें।
- अब भगवान कार्तिकेय के साथ शिव-पार्वती जी की प्रतिमा को स्थापित करें।
- पूजन में घी, दही, जल, पुष्प से अर्घ्य प्रदान करके कलावा, अक्षत, हल्दी, चंदन, इत्र आदि से पूजन करें।
इस दिन भगवान कार्तिकेय का पूजन पूरे मन से अवश्य ही करना चाहिए। तथा पूजन के पश्चात ब्राह्मण भोज के साथ स्नान के बाद कंबल, गरम कपड़े दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
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