भगवान विश्वकर्मा की जयंती : जानें महत्व, पूजन विधि एवं मंत्र
Vishwakarma Jayanti 2022
वर्ष 2022 में सोमवार, 14 फरवरी 2022 (February 14 Monday) को भगवान विश्वकर्मा की जयंती (Vishwakarma Jayanti 2022) मनाई जा रही है। माना जाता है भगवान ब्रह्मा जी के कहने पर विश्वकर्मा ने ये दुनिया बनाई थी। हस्तिनापुर, द्वारका से लेकर, शिव जी का त्रिशूल भी विश्वकर्मा जी ने बनाया है।
भगवान विश्वकर्मा इस ब्रह्मांड के रचयिता हैं, आज हम जो कुछ भी देखते हैं वो सब भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया है। माघ शुक्ल त्रयोदशी (Magh Shukla Trayodashi) तिथि को विश्वकर्मा जी के पूजन का विशेष महत्व है। माना जाता है कि अगर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा- अर्चना की जाए तो जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, व्यापार में आने वाली कठिनाई दूर होकर घर धन-संपदा से भरने लगता है।
प्रतिवर्ष माघ महीने में भारत (Vishwakarma Jayanti in India) के उत्तर तथा पश्चिमी हिस्सों में भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह दिन 14 फरवरी, 2022 को है। ये तिथि माघ शुक्ल त्रयोदशी के दिन पड़ती है। यह मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी मनाई जाती है। इसके अलावा भारत के पूर्वी हिस्सों यानी झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, त्रिपुरा आदि स्थानों पर विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2022 को मनाई जाएगी। आइए यहां पढ़ें मंत्र एवं पूजन विधि और समय -
पूजा विधि- Vishwakarma Jayanti Puja Vidhi
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें।
- पूजा स्थान को साफ करके प्रतिमा रखें।
- हाथ में पुष्म, और अक्षत लेकर ध्यान लगाएं।
- भगवान को भोग लगाएं।
- विधिपूर्वक आरती उतारें।
- अपने औजारों और यंत्र की पूजा कर हवन करें।
भगवान विश्वकर्मा मंत्र-Vishwakarma Jayanti Mantra
ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ अनंतम नम:, ॐ पृथिव्यै नम: का जाप करें।
विश्वकर्मा जयंती पूजन के मुहूर्त-Vishwakarma Jayanti Time
विश्वकर्मा जयंती 2022 : 14 फरवरी, सोमवार
14 फरवरी 2022 सूर्योदय पूर्वाह्न-7:03
14 फरवरी-2022 सूर्यास्त का समय- सायंकाल 6:18
त्रयोदशी तिथि 13 फरवरी 2022 शाम 6:42 मिनट से शुरू
14 फरवरी 2022 को रात्रि 8:28 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी।