प्रशांत भूषण : प्रोफाइल

भारत के उच्‍चतम न्‍यायालय के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता हैं प्रशांत भूषण। आम आदमी पार्टी की स्‍थापना में भी इनका सहयोग रहा है। इन्‍हें देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के लिए भी जाना जाता है। साथ ही वे एक अच्‍छे लेखक भी हैं। 
 
प्रारंभिक जीवन : भारत के उच्‍चतम न्‍यायालय के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता प्रशांत भूषण का जन्‍म 23 जून 1956 को हुआ। वे भारत के पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण के पुत्र हैं। प्रशांत भूषण ने अपनी कानून की डिग्री इलाहाबाद से प्राप्‍त की है। 
 
करियर : प्रशांत भूषण न्‍यायपालिका के भ्रष्‍टाचार के खिलाफ़ आंदोलन, पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों और लोकपाल बिल के लिए टीम अन्‍ना के आंदोलन में विशेष रूप से सम्‍मिलित रहे हैं। इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन के प्रमुख सदस्‍य होने के साथ उन्‍होंने आम आदमी पार्टी के गठन में भी काफी सहयोग दिया था।
 
2011 की एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में उन्‍होंने यह बयान दिया था कि भारत सरकार को कश्‍मीर के लोगों को भारत का साथ देने के लिए प्रोत्‍साहित करना चाहिए लेकिन वह अलग होना चाहें, तो उन्‍हें इसकी भी आज़ादी मिलनी चाहिए, भूषण के इस बयान की प्रतिक्रिया के रूप में 12 अक्‍टूबर 2011 को भगत सिंह क्रांति सेना ने सुप्रीम कोर्ट में उन पर हमला किया, उनका मानना था कि भूषण देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में शिवसेना ने उन पर केस दर्ज करने की मांग उठाई थी, शिवसेना का कहना था कि भूषण राष्‍ट्र विरोधी तत्‍वों को बढ़ावा दे रहे हैं।
 
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के छात्र रहे भूषण ने एक सत्र के बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी। बाद में उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और फिर दर्शन शास्त्र की पढ़ाई की, लेकिन स्नातक पूरा करने से पहले ही वे भारत लौट आए, जहां उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की।
 
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण अपनी 15 साल की वकालत के दौरान 500 से अधिक जनहित याचिकाओं पर जनता की तरफ से केस लड़ चुके हैं। भूषण को भ्रष्टाचार, विशेष रूप से न्यायपालिका के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के लिए जाना जाता है। 
 
अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ किए गए संघर्ष में वे उनकी टीम के प्रमुख सहयोगी भी रहे। भूषण एक अच्छे राइटर भी हैं, इनके द्वारा कई पुस्तकें भी लिखी गई हैं।

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