सतनामी समाज की प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गिरौदपुरी में गुरुवार को अष्टमी पर मेले का आयोजन किया गया। मेले में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चरणकुंड, अमृतकुंड, छाता पहा़ड़ आदि स्थलों का दर्शन लाभ लिया। मुख्य मंदिर स्थित जैतखंभ में समाज के जगत गुरु गुरुगद्दीनशीन विजय कुमार गुरु ने दोपहर एक बजे बाजे-गाजे के साथ पालो चढ़ाया।
बाबा गुरु घासीदास की जन्मस्थली व तपोभूमि गिरौदपुरी में पिछले तीन-चार वर्षों से कृष्ण जन्माष्टमी पर मेले का आयोजन किया जाता है। गत वर्ष यहाँ भक्तों की भीड़ करीब 50 हजार की रही लेकिन इस वर्ष एक लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु पहुँचे थे। श्रद्धालुओं के लिए शासन की ओर से बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी। यहाँ दो दिन पहले भक्तों का पहुँचना शुरू हो गया था। गुरुवार को सुबह से ही मुख्य मंदिर सहित अमृत कुंड, चरण कुंड में भक्तों की काफी भीड़ रही।
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दंडवत करते पहुँचे : कई श्रद्धालु जमीन पर लेटते हुए दंडवत प्रणाम करते मेला स्थल पर पहुँचे। इसके अलावा घर, परिवार व संतान सुख की कामना लिए अधिकांश भक्तों ने मुख्य मंदिर स्थित जैतखंभ का दंडवत प्रणाम किया। इन भक्तों ने बताया कि लंबी दूरी से दंडवत प्रणाम करते गिरौदपुरी पहुँचने पर शरीर को कष्ट की बजाए मन को शांति मिलती है।
अमृत जल लेने लंबी कतार : चरणकुंड व अमृतकुंड से जल लेने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। अधिकांश भक्त जल लेने के लिए खाली बोतल व बर्तन लेकर पहुँचे थे। भक्तों ने बताया कि इस जल का उपयोग घर की शुद्धिकरण, पूजा-अर्चना व रोगों को दूर करने में करते हैं।
छाता पहाड़ में रही भीड़ : मेला स्थल से करीब चार किलोमीटर दूर स्थित छाता पहाड़ में भी भक्तों की काफी भीड़ रही। ज्ञात हो कि छाता पहाड़ के विशाल चट्टान पर बैठकर बाबा गुरु घासीदास को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इस स्थल को तप स्थल के नाम से जाना जाता है। हजारों श्रद्धालुओं ने इस स्थल पर मत्था टेककर मंगल कामना की साथ ही पहाड़ की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया।
समाज के जगतगुरु विजय कुमार गुरु ने मुख्य मंदिर स्थित जैतखंभ में पालो च़ढ़ाकर हजारों भक्तों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा बाबाजी के बताए मार्गों पर चलने से ही सबका उद्धार होगा। मेला स्थल पर दिनभर बाबाजी के जयकारे लगते रहे।