भगवान झूलेलाल का चालिया महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। चालीस दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव के अंतर्गत झूलेलाल मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है। सिंधी समाज के वे लोग जो चालीस दिनों तक व्रत रखकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं, वह सभी सुबह-शाम भगवान झूलेलाल की कथा का श्रवण कर रहे हैं।
मंदिरों में हर शुक्रवार को सुबह भगवान का अभिषेक किया जाता है, वहीं रात को आरती की जा रही है। रात को इस आरती में सिंधी समाज के महिला-पुरुष के साथ बुजुर्ग व बच्चे भी भारी संख्या में पहुंचकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। मंदिर में चल रही अखंड ज्योति की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है।
सिंधी समाज की महिलाएं अपने-अपने घरों से प्रतिदिन चार या पांच मुखी आटे का दीपक अअखा लेकर भगवान की पूजा कर मनोकामनाएं मांग रही हैं, जिसमें यह महिलाएं चावल, इलाइची, मिस्त्री व लोंग लेकर आती हैं और पूजा करती हैं।
चालिया पर्व के दौरान मंदिरों में कथा, आरती, भजन-कीर्तनों के साथ धार्मिक आयोजन भी जारी है।