यह 9वीं क्लास की छात्रा है पेरिस ओलंपिक जाने वाली भारत की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी

WD Sports Desk

सोमवार, 8 जुलाई 2024 (13:35 IST)
हांगझोउ एशियाई खेल 2022 के दौरान एक कैफे में नीरज चोपड़ा से हुई छोटी सी मुलाकात ने तैराक धिनिधि देसिंघु को अपने खेल में अव्वल रहने के लिये प्रेरित किया और अब वह इस ओलंपिक और विश्व चैम्पियन भालाफेंक स्टार के साथ पेरिस ओलंपिक जा रहे भारतीय दल में सबसे युवा खिलाड़ी हैं।

चौदह वर्ष की उम्र के किशोर सोशल मीडिया के इस दौर में जहां घंटों मोबाइल से चिपके रहते हैं, वहीं धिनिधि घंटो तरणताल में अभ्यास करती है, दोस्तों से मिल नहीं पाती और ना ही स्कूल नियमित जा पाती है। लेकिन उसे कोई मलाल नहीं है।उसके घर की दीवारों पर सजे उसके दर्जनों पदक और पेंटिंग्स बताती हैं कि वह खास है।

अपने घर पर PTI (भाषा)  को दिये इंटरव्यू में उन्होंने कहा ,‘‘मुझे पता था कि एक दिन ओलंपिक खेलने का मौका मिलेगा लेकिन कैरियर में इतना जल्दी मिल जायेगा, यह सोचा नहीं था। भारतीय दल की सबसे युवा सदस्य होना फख्र की बात है।’’

श्रीहरि नटराज और 14 वर्ष की धिनिधि ‘यूनिवर्सिटालिटी क्वालीफिकेशन’ के आधार पर पेरिस में खेलेंगे जो उस देश को दिया जाता है जिसके कोई तैराक क्वालीफाई नहीं कर सके हों । ऐसा देश सर्वोच्च रैंकिंग वाले अपने दो तैराकों को भेज सकता है।

पिछले साल गोवा राष्ट्रीय खेलों में सात पदक जीत चुकी धिनिधि ने कहा ,‘‘ मैने तो महज दोस्तों के साथ शौकिया तौर पर तैराकी शुरू की थी लेकिन फिर मेरे कोचों ने कहा कि मुझे पेशेवर तौर पर इसे अपनाना चाहिये। घर के पास के पूल से शुरू करके फिर मैं डॉल्फिन अकादमी गई।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ ओलंपिक खेलने को लेकर काफी उत्साहित हूं और भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक होने का सोचकर ही अच्छा लगता है। खेलगांव में नामी गिरामी खिलाड़ियों से मिलकर उनके फोकस , तैयारियों, रेस के तरीकों के बारे में जानने को मिलेगा।’’

YEAR OLD DHINIDHI IS GOING TO PARIS

What an experience it will be for the teenager to compete with the best#Swimming pic.twitter.com/Utnx5w4ycx

— IndiaSportsHub (@IndiaSportsHub) June 26, 2024
चोपड़ा से मुलाकात ने सर्वश्रेष्ठ बनने के लिये प्रेरित किया: धिनिधि

नीरज चोपड़ा से मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘हांगझोउ एशियाई खेलों के दौरान हम एक कैफे में थे और वह हमसे कुछ टेबल दूर थे। हम सोच रहे थे कि वह ओलंपिक चैम्पियन हैं और भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से हैं और इनके साथ फोटो होनी चाहिये।वह हम सबसे इतने प्यार से मिले।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे पता चला कि विश्व में सर्वश्रेष्ठ होने के लिये कितनी मेहनत और समर्पण की जरूरत होती है। उन्होंने मुझे प्रेरित किया कि इसी सफलता को मैं अपने खेल में दोहराऊं।’’

एशियाई खेलों में रिले में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाली महिला टीमों की सदस्य रही धिनिधि ने कहा ,‘‘ कई बार अफसोस होता है कि आम तौर पर मेरी उम्र के बच्चे जो करते हैं, मैं नहीं कर पा रही। दोस्तों के साथ नहीं जा पाती हूं और कई बार अकेलापन भी लगता है। लेकिन फिर सोचती हूं कि मैने खुद यह राह अपने लिये चुनी है।मैं ओलंपिक खेलना चाहती हूं और कुछ अलग करना चाहती हूं। अब ओलंपिक दल का हिस्सा बनकर सारी कुर्बानियां सही साबित हुई हैं।’’उन्होंने कहा ,‘‘यह हालांकि शुरूआत भर है । पेरिस में मुझे जानने का मौका मिलेगा कि 2028 और 2032 ओलंपिक में कैसा कर सकूंगी।’’

उन्होंने अपनी आदर्श अमेरिका की सात ओलंपिक और 21 विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता कैटी लेडेके के लिये ग्रीटिंग कार्ड भी एक साल से बनाकर रखा है।उन्होंने कहा ,‘‘ मैने साल भर पहले कार्ड बनाया था कि जब भी उनसे मिलूंगी तो उन्हें दूंगी। इतनी जल्दी यह मौका मिल रहा है। वह बचपन से मेरी आदर्श रही हैं और उन्हें देखने भर से मुझे बहुत खुशी मिलेगी।’’

अपने पिता की तरह शुरूआत में इंजीनियर बनने का लक्ष्य बनाने वाली नौवीं कक्षा की छात्रा धिनिधि अब तैराकी में ही भविष्य देखती हैं।उन्होंने कहा ,‘‘ पहले लगता था कि इंजीनियर बनूंगी लेकिन तैराकी मेरी किस्मत में थी और अब इसी में भविष्य है।’’

उनकी मां जेसिथा ने डीआरडीओ की नौकरी से ब्रेक लिया है ताकि बेटी के सपने पूरे करने में मदद कर सके जबकि गूगल में इंजीनियर पिता को फख्र है कि मुख्यधारा से अलग राह चुनकर उनकी बेटी कइयों की प्रेरणास्रोत बन रही है।

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