प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम तट पर देवोत्थान एकादशी पर्व आस्थापूर्वक मनाया गया। लाखों श्रद्धालुओं ने संगम तट पर पवित्र स्नान किया और देव प्रबोधिनी पर्व पर पुण्य लाभ कमाया। देखिए झलकियां....
त्रिवेणी का अर्थ है वह स्थान जहां तीन नदियां आकर मिलती हों। जहां तीन नदियों का संगम होता हो। प्रयाग की गंगा नदी में एक स्थान ऐसा है जहां तीन नदियों का मिलन होता है।
संगम और त्रिवेणी वस्तुत: एक ही स्थान है जहां गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम होता है। यह दुर्लभ संगम विश्व प्रसिद्ध है। गंगा, यमुना के बाद भारतीय संस्कृति में सरस्वती को महत्व अधिक मिला है।
प्रयाग संगम पर गंगा और यमुना नदी अलग-अलग नजर आती है, लेकिन कहते हैं कि उसी में सरस्वती भी मिली हुई है जो कि अलग नजर नहीं आती है।
पदम पुराण में ऐसा माना गया है कि त्रिवेणी संगम पर जो स्नान करता है उसे मोक्ष प्राप्त होता है।