सूर्य देव और उनकी बहन छठ मैया की आराधना का चार दिवसीय महापर्व आस्था और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ मैया प्रसन्न होती हैं और धन, धान्य, सुख, संपत्ति तथा संतान का आशीर्वाद देती हैं।
कार्तिक छठ पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई, छठ, छठ माई पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है।
छठ पूजा का पर्व चार दिनों तक चलता है नहाय खाय, खरना से आरंभ होकर अस्ताचल सूर्य और सप्तमी के उदय होते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न किया जाता है।
छठ व्रत नियम तथा निष्ठा से किया जाता है। इस व्रत से नि:संतान को संतान सुख की प्राप्ति होती है। धन-धान्य की प्राप्ति होती है। उपासक का जीवन सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहता है।
नहाय-खाय, खरना, सायंकालीन अर्घ्य, प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ छठ का महापर्व।