रंगो का त्यौहार होली करीब आने से प्राकृतिक रंग फिर सुर्खियों में है। वैसे तो प्राकृतिक रंग चुकन्दर, गुड़हल और गेंदें के फूल, अनार के छिलके से भी बनता है लेकिन परम्परागत रूप से पलाश (ढाक) के फूलों का प्रयोग सबसे अधिक लोकप्रिय रहा है।
होली के आगमन को लेकर पूरे देश में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। प्रकृति ने इसकी तैयारी वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही कर ली है।
विगत कई वर्षों से प्राकृतिक रंग बनाने की शिथिल पड़ गई परंपरा के प्रति एक बार फिर से लोगों का रुझान बढ़ता दिख रहा है और इसके औषधीय गुणों को लोग समझने लगे हैं।
Holi रंगों के उत्सव 'होली' में फूलों से प्राकृतिक रंग बनाने की शिथिल पड़ गई परंपरा के प्रति एक बार फिर से लोगों का रुझान बढ़ता दिख रहा है।