वाराणसी। शुक्रवार को पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद करते हुए हजारों लोगों ने पवित्र गंगा नदी पर पिंड दान और तर्पण किया।
सत्य और श्रद्धा से किए गए कर्म श्राद्ध और जिस कर्म से माता, पिता और आचार्य तृप्त हो वह तर्पण है।
वेदों में श्राद्ध को पितृयज्ञ कहा गया है। यह श्राद्ध-तर्पण हमारे पूर्वजों, माता, पिता और आचार्य के प्रति सम्मान का भाव है।