रघुवर दास : प्रोफाइल

झारखंड में बनने वाली भाजपा की सरकारों में मंत्री रहने का श्रेय दास को हासिल है। राज्य में मंत्री रहते हुए भी बिना सुरक्षा के घूमना तथा लोगों से मिलना उनका शगल रहा है। रघुवर दास झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री हैं। रघुवर दास की छवि साफ-सुथरी रही है। 
 
प्रारंभिक जीवन : रघुवर दास का जन्म 1954 में जमशेदपुर के एक साधारण परिवार में हुआ। रघुवर दास की शैक्षणिक योग्यता बीएससी (एलएलबी) है। 
 
पारिवारिक पृष्‍ठभूमि : रघुवर दास विवाहित हैं और उनके एक पुत्र और एक पुत्री है। दास की पत्नी का नाम रुक्मणी देवी है।
 
राजनीतिक जीवन : झारखंड में भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता चुने गए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने टाटा स्टील में श्रमिक के रूप में अपनी जिंदगी की पारी शुरू की और राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते वे झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए। 
 
रघुवर दास वैसे तो छात्र जीवन से ही सक्रिय राजनीति में रहे। छात्र संघर्ष समिति में संयोजक की भूमिका निभाते हुए उन्होंने जमशेदपुर में विश्वविद्यालय स्थापना के आंदोलन में भाग लिया।
 
झारखंड में बनने वाली भाजपा की सरकारों में मंत्री रहने का श्रेय दास को हासिल है। राज्य में मंत्री रहते हुए भी बिना सुरक्षा के घूमना तथा लोगों से मिलना उनका शगल रहा है। 
 
दास ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति आंदोलन में जमशेदपुर में युवाओं का नेतृत्व किया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। दास को गया जेल में रखा गया और वहां उनकी मुलाकात प्रदेश के शीर्ष नेताओं से हुई। देश में आपातकाल के समय भी दास को जेल जाना पड़ा था। 
 
वर्ष 1977 में दास जनता पार्टी के सदस्य बने, लेकिन 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के समय उन्होंने भाजपा के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में मुंबई में भाग लिया और तब से लेकर अब तक भाजपा के सदस्य हैं। 
 
दास को भाजपा ने 1995 में जमशेदपुर पूर्व से उम्मीदवार बनाया और जमशेदपुर की जनता ने उन्हें चुनकर बिहार विधानसभा का सदस्य बनाया। वर्ष 2000 के बिहार विधानसभा के चुनाव में दास एक बार फिर बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए और 15 नवंबर 2000 को झारखंड निर्माण के बाद झारखंड विधानसभा के सदस्य बन गए। 
 
जमशेदपुर में कमजोर लोगों की लड़ाई की वे अगुवाई करते रहे और जमशेदपुर की समस्याओं को लेकर विधानसभा में लगातार आवाज उठाते रहे। इसी कारण से वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। 
 
दास 2005, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्व से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे है। वर्ष 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले दास को भाजपा की झारखंड प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया गया और उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा। इस दौरान भाजपा को राज्य में 30 सीटों पर सफलता मिली। 
 
दास झारखंड में बनने वाली पहली सरकार में श्रम नियोजन मंत्री बने और इसके बाद अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में बनने वाली राज्य की दूसरी सरकार में उन्हें भवन निर्माण का मंत्री बनाया गया। दास वर्ष 2005 में बनी अर्जुन मुंडा की सरकार में नगर विकास और वाणिज्य कर विभाग के मंत्री बनाए गए।
 
वर्ष 2009 में जब झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और भाजपा ने मिलकर सरकार बनाई तो शिबू सोरेन सरकार में दास को उप मुख्यमंत्री बनाया गया और उन्हें वित्त, वाणिज्यकर, ऊर्जा, नगर विकास, आवास एवं संसदीय कार्य जैसे विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई।
 
वर्ष 2009 के झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले दास को एक बार फिर भाजपा का झारखंड प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया गया और इस चुनाव में भाजपा को 18 सीटों पर सफलता मिली। दास को 16 अगस्त 2014 को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।
 
रघुवर दास 2001 में झारखंड सरकार की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए लंदन, इंग्लैंड और चीन की यात्रा कर चुके हैं। रघुवर दास साहित्य में रुचि रखने वाले रामधारी सिंह दिनकर को पसंद करते हैं। 
 
रघुवर दास पर कई विवादों के आरोप भी लगे हैं। जनवरी 2010 में रघुवर दास एक प्राइवेट कंपनी को अच्छे कार्य करने के लिए पुरस्कार देने के चलते विवाद में रहे। बात 2004-2005 की है जब वे झारखंड की मुंडा सरकार के समय शहरी विकास मंत्री थे।  

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