उक्त रोक्त चार प्रकार के प्राणाया में ही सिमटे हैं अन्य प्राणायाम जो प्रमख हैं- नाड़ीशोधन, अनुलोम-विलोम, भ्रस्त्रिका, उज्जायी, भ्रामरी, कपालभाती, सीत्कारी, शीतली, अग्निसार, वायु भक्षण आदि। इसके अलावा कुछ बंध और मुद्रा भी प्राणायाम के अंतर्गत माने गए हैं जैसे मूर्च्छा, बद्ध योनि, चतुर्मख, प्लाविनी, उड्डीयान, वज्रजोली, नौली, शक्तिचालिनी आदि।