रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में वर्ष 2015-16 के अपने रेल बजट भाषण में कहा कि जनता का पहला संपर्क हमारे फ्रंटलाइन कर्मचारियों से पड़ता है। हम इन कर्मचारियों के लिए व्यवहार कुशलता संबंधी विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू करना चाहते हैं ताकि हमारे ग्राहक सम्मानित महसूस करें।