राजस्थान में वसुंधरा राजे का करिश्मा धराशायी हो गया, लेकिन कांग्रेस सबसे बड़े दल के तौर पर उभरने के बावजूद अपने बूते पर पूर्ण बहुमत हासिल करती नजर नहीं आ रही है।
राज्य विधानसभा के लिए हुए चुनावों की मतगणना में अब तक घोषित 161 परिणामों में कांग्रेस ने सर्वाधिक 82 पर कब्जा किया है, जबकि भाजपा 56 सीटों तक सीमित है।
बसपा ने अपने प्रदर्शन में बेहतरी दिखाते हुए पाँच सीटें जीत ली हैं, जबकि 13 निर्दलियों ने कामयाबी हासिल की है, जिनमें छह कांग्रेस के बागी हैं।
चुनाव नतीजों के मुताबिक बसपा के बेहतर प्रदर्शन से कांग्रेस को नुकसान पहुँचा, जबकि राज्य में महिलाओं की वजह से मतदान में एक प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का लाभ भाजपा को मिला है।
राज्य में अब तक जो रूझान है उनमें घोषित परिणामों और बढ़त को शामिल किया जाए तो कांग्रेस के खाते में 97 सीटें आती दिख रही हैं, लेकिन 200 सदस्यीय सदन में उसे पूर्ण बहुमत के लिए 101 विधायकों की आवश्यकता होगी। ऐसे में सरकार बनाने के लिए पार्टी के बागी निर्दलियों पर उसकी निगाहें रहेंगी।
पाँच सीटें अन्य दलों के खाते में गई हैं। प्रदेश में जनता दल युनाइटेड ने कुशलगढ़ विधानसभा सीट पर जीत से अपना खाता खोला। पार्टी उम्मीदवार फतहसिंह ने यह सीट जीती है। बसपा भी एक अन्य सीट पर आगे चल रही है। निर्दलीय चार अन्य सीटों पर बढ़त कायम किए हुए हैं।