राजस्थान विधानसभा की सभा 200 सीटों के लिए गुरुवार को हुआ मतदान कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया। राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद जुत्शी के अनुसार अभी तक करीब 65 से 68 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके साथ ही चुनाव मैदान में उतरे 2194 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीनों में बंद हो गया।
मुख्य निर्वाचन अधिकार के अनुसार मतदान के दौरान पूरे प्रदेश में हिंसा की कोई बडी अप्रिय वारदात होने की सूचना नही है। कुछ स्थानों से मतदान केंद्र पर कब्जा करने और फर्जी मतदान करने के समाचार हैं। इनमे सबसे ज्यादा आठ स्थन दौसा जिले में हैं। इसके अलावा करौली जिले में चार, भरतपुर में दो तथा सवाई माधोपुर जिले में दो स्थान हैं।
गडबड़ी की आशंका वाले स्थानों पर पुर्नमतदान कराने के लिए निर्वाचन विभाग का सूचित कर दिया है। इस बारे में कल फैसला किया जाएगा। इसके अलावा राज्य में चार स्थान ऐसे भी हैं, जहाँ पर ईवीएम में आई तकनीकि खराबी की वजह से पुर्नमतदान कराने की सिफारिश की गई है। प्रदेश में पुर्नमतदान 6 दिसंबर को होगा।
जुत्शी ने बताया कि राज्य भर में 150 ज्यादा जगहों पर ईवीएम मशीन में खराबी आने की शिकायतें मिली हैं, लेकिन इनमे से अधिकांश जगह समय रहते ही इस खराबी को दुरुस्त कर लिया गया। इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर झडपे होने के समाचार भी मिले हैं, जिनमें से एक जगह कांटा के लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में पुलिस को एक राउंड गोली भी चलानी पड़ी लेकिन इन वारदातों से न तो मतदान प्रक्रिया पर कोई विपरीत असर पड़ा न ही किसी के हताहत होने के समाचार हैं।
सबसे भारी मतदान हनुमानगढ़ जिले में हुआ, जहाँ पर 78 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले जबकि सबसे कम 48 मतदान डूंगरपुर जिले में होने की सूचना है। मतदान की गति सुबह थोड़ी कम थी लेकिन दोपहर बाद इसमें अचानक तेजी आ गई और शाम पाँच बजे मतदान का समय समाप्त होते कई जगहो पर भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि मतदान की प्रक्रिया पूरी कराने के लिए अतिरिक्त मतदान दलों को लगाना पड़ा।