जयपुर। राजस्थान विधानसभा के लिए आगामी 1 दिसंबर को होने वाले चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान झुंझुनूं जिले की मंडावा सीट से कांग्रेस की मौजूदा विधायक रीटा सिंह के चुनाव मैदान में डटे रहने के कारण संकट में फंसे हुए हैं।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने मंडावा से कांग्रेस विधायक रीटा सिंह को पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ने के कारण पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निलंबित कर चुका है।
विधायक रीटा सिंह प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री रामनारायण चौधरी की पुत्री हैं। चौधरी ने रीटा चौधरी को अपनी राजनीतिक विरासत सौंपते हुए वर्ष 2008 में अपनी परंपरागत सीट मंडावा से चुनाव मैदान में उतारा था।
कांग्रेस मौजूदा विधानसभा टिकट वितरण के दौरान रीटा सिंह को मंडावा सीट के बजाए अन्य सीट से चुनाव मैदान में उतारना चाहती थी लेकिन रीटा सिंह ने कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों का पालन करने से इंकार करते हुए अपनी परंपरागत सीट से ही चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय सुना दिया था।
कांग्रेस आलाकमान राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान की जीत सुनिश्चित करने के लिए जाट बाहुल्य सीट मंडावा से चुनाव मैदान में उतारा है। लेकिन रीटा सिंह के चुनाव मैदान से नहीं हटने के कारण डॉ. चन्द्रभान कड़े संघर्ष में फंस गए हैं।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान का मुकाबला अपनी ही पार्टी से निष्कासित विधायक रीटा सिंह और भाजपा के उम्मीदवार से सीधा मुकाबला है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार मंडावा सीट से 42 से 45 हजार मत लेने वाले उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित है।
जाट दिग्गज केंद्रीय श्रममंत्री शीशराम ओला का मंडावा सीट के मतदाताओं के कितना जादू चलेगा यह भी कांग्रेस की जीत पर निर्भर करेगा। (भाषा)