बीकानेर। विभिन्न राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनाव की चौसर बिछा दी है। योद्धा भी घोषित कर दिए। जिन्हें टिकट नहीं मिले, वे बगावत की बगिया महकाने लगे हैं। बरसों पार्टी में रहे कई नेताओं ने अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ न केवल विरोध मुखर किया, बल्कि चुनाव लडऩे का ऐलान कर फार्म भी भर दिए। अब पार्टी नेता एवं प्रत्याशी दोनों मुश्किल में हैं।
भाजपा में गलफांस बन रहे इन बागियों की मान-मनोव्वल में जुट गए हैं। जानकारी के अनुसार भाजपा में बगावत के सुर मुखरित हैं मगर कांग्रेस में भीतरघात की लहर चल रही जो चुनावी लिहाज से प्रत्याशियों के लिए ज्यादा घातक है।
कांग्रेस में ऐसे कारसेवकों कमी नहीं है जो पार्टी प्रत्याशियों के साथ रहकर उनके लिए उल्टी माला फेरने में लगे हैं और भीतर ही भीतर दूष्प्रचार कर रहे हैं।