विकास के लिए रोल मॉडल राजस्थान है : गहलोत

रविवार, 17 नवंबर 2013 (22:34 IST)
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा और इसके प्रधानमंत्री के पद के उम्मीदवार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि विकास के लिए उनका राज्य एक रोल मॉडल है न कि गुजरात, जहां विकास कार्य अहमदाबाद और बड़ौदा में केंद्रित हैं।

गहलोत ने यहां कांग्रेस के घोषणा-पत्र जारी करते हुए, ‘गुजरात में विकास कोई नई चीज नहीं है। यह लंबे समय से विकसित रहा है लेकिन इसके ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। नरेन्द्र मोदी (गुजरात के मुख्यमंत्री) अपने हाव भाव से इसकी (विकास मॉडल की) मार्केटिंग कर रहे हैं जबकि असलियत यह है कि विकास के लिए राजस्थान रोल मॉडल है न कि गुजरात।’

उन्होंने कहा कि सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाएं और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम पेश किए हैं तथा उनके कार्यकाल के दौरान भारी मात्रा में घरेलू और विदेश निवेश आया है।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान चारों ओर से जमीन से घिरा हुआ राज्य है जबकि गुजरात को आयात और निर्यात के लिए समुद्र तट होने का फायदा है। गुजरात में, ग्रामीण इलाकों में कोई विकास नहीं हुआ है। अहमदाबाद या बड़ौदा के विकास को संपूर्ण गुजरात का विकास नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि गुजरात में सामाजिक सुरक्षा उपायों की कमी है।

उन्होंने यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी की बजाय वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही थे जो युवाओं के लिए रोल मॉडल थे। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दावा किया,मोदी अपनी रैलियों में गलत तथ्य पेश कर रहे हैं। उन्हें इतिहास की कोई जानकारी नहीं है और ऐसे लोग प्रधानमंत्री बनने के योग्य नहीं हो सकते। देश में लोगों की सामान्य बुद्धि जबरदस्त और असाधारण है तथा वह आने वाले दिनों में बेनकाब कर दिए जाएंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी लोगों के बीच गलत संदेश फैला रहे हैं और साम्प्रदायिक लकीर खींचने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने गुजरात चुनाव में किसी मुसलमान उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया।

गहलोत ने कहा कि भाजपा की राजस्थान इकाई की प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मार्केटिंग (अपनी कामयाबी की) करने में एक जैसे हैं। वसुंधरा पिछले साढ़े चार साल से राज्य से गायब हैं और सिर्फ वोट मांगने आएंगी।

उन्होंने कहा कि राजे ने अपने पार्टी नेता गुलाब चंद कटारिया की ‘यात्रा’ निकालने की योजना पर भाजपा छोड़ने की धमकी दी थी। जब वसुंधरा अपनी पार्टी के प्रति भरोसेमंद नहीं हो सकती, जिसने उन्हें पहचान दिलाई और मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया, फिर राज्य के लोग उनसे यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं वह उनके प्रति भरोसेमंद रहेंगी।’ (भाषा)

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