राजे शनिवार को 'गौरव यात्रा' के तहत बानसूर में आयोजित जनसभा में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि शहीदों की याद में गत 14 अगस्त को हमने सीमावर्ती जिलों में 'शहादत को सलाम' कार्यक्रम आयोजित किया लेकिन गहलोत ने इसे पैसे की बर्बादी बताया। ऐसा कहकर पूर्व मुख्यमंत्री ने हमारे शहीदों और जांबाज सैनिकों का अपमान किया है। जिनकी वजह से आज देश सुरक्षित है उनके अपमान के लिए प्रदेश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। उन्हें इसके लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन लोगों के लिए देशहित से पहले खुद का हित है, लेकिन हम अपने शहीदों के लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए तैयार हैं। भाजपा सरकार ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने वाले शहीदों के परिवारों के लिए कई कल्याणकारी कदम उठाए हैं। 15 अगस्त 1947 के बाद शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने, मैडलधारकों की पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी करने और पूर्व सैनिकों को राज्य सेवा में 5 प्रतिशत आरक्षण जैसे प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद परिवारों को मिलने वाला सम्मान भी दोगुना किया जाएगा। शहीदों के परिजनों को उनके वाजिब कामों के लिए भटकना नहीं पड़े, इसके लिए प्रदेशभर के पुलिस थानों में संबंधित क्षेत्र के शहीदों और सैनिकों की सूची होगी। क्षेत्र के थानाधिकारी समय-समय पर उनके परिजनों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने में मदद करेंगे।
राजे ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में जाने के इच्छुक 11वीं एवं 12वीं कक्षा के बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए सीकर जिले में महाराव शेखाजी के नाम पर एक स्कूल शीघ्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 21 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत करने के साथ भूमि आवंटन भी कर दिया गया है। इस आवासीय संस्थान में ब्रिगेडियर रैंक के सेवानिवृत्त आर्मी ऑफिसर डायरेक्टर होंगे।