रिश्तों की मिठास का पर्व राखी

त्योहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। इन्हीं के माध्यम से रिश्तों की गहराई महसूस की जाती है। रक्षा-बंधन भाई-बहन के स्नेह व ममता की डोर में बंधा ऐसा पर्व है, जिसे परस्पर विश्वास की डोर ने सदियों से बांध रखा है।

FILE


भाई-बहन का लगाव व स्नेह ताउम्र बरकरार रहता है, क्योंकि बहन कभी बाल सखा तो कभी मां, तो कभी पथ-प्रदर्शक बन भाई को सिखाती है कि जिंदगी में यूं आगे बढ़ो। इसी तरह भाई कभी पिता तो कभी मित्र बन बहन को आगे बढ़ने का हौसला देता है। आज वक्त के साथ इस रिश्ते ने दिखावे और औपचारिकता का दामन थाम लिया है, जिससे इसका रंग फीका पड़ गया।



ग्लोबलाइजेशन की बयार ने न केवल भाई-बहन के रिश्ते को, बल्कि समाहित अर्थ को भी बदल दिया है। आज वक्त की रफ्तार बढ़ गई है। इससे रास्तों की दूरी को पलभर में तय करना आसान हो गया, मगर दिलों के फासले तय करना बहुत मुश्किल।

FILE


अविश्वास तथा स्वार्थ का चश्मा लगाए आंखें दिल तक पहुंच ही नहीं पातीं, लेकिन क्या हम मान लें कि स्वार्थ ने प्रेम को पराजित किया है?

निश्चित तौर पर नहीं, सिक्के का दूसरा पहलू अपनों के अपनत्व का बखूबी बयान करता है। आज भी इस रिश्ते में वह कशिश है कि देर सबेर मुसीबत में सब एकजुट होते हैं। सुख-दुःख में शामिल होते हैं।


वर्तमान में भाई-बहन के संबंध में कानून की दखलंदाजी ने भाई के मन में ईर्ष्या, असंतुष्टि और बहन के मन में लालच और स्वार्थ का इजाफा भी किया है। आज जब बहनों को पैतृक संपत्ति में बराबरी का हक मिला है तो भाई ने भी पुरातन और पारंपरिक छवि को तोड़ दिया है।

FILE


आज आम भाई ये सोचने पर मजबूर हो गया है कि अपने हिस्से को उपहार के रूप में बहन को क्यों बांटे? पर वास्तव में देखा जाए तो रिश्ते कानूनी एक्ट नहीं हैं, जिनमें तर्क हो, बल्कि जरूरत तो उस भावना की है, जहां हर हालत में भाई-बहन एक-दूसरे को संबल दें। इसके लिए माता-पिता को चाहिए कि उनके बच्चों के बीच अपनत्व व स्नेह शुरू से बना रहे।



- बेटे-बेटी का पालन-पोषण समान रूप से करें।

- बच्चों में सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास करें।

- बच्चों को यह शिक्षा जरूर दें कि इन त्योहारों को मनाने के पीछे क्या उद्देश्य है।

- भाई-बहनों को एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराना जरूरी है, उनका क्या दायित्व है यह जरूर बताएं।

- भाई-बहनों में दूरी न आए, इसलिए अपने बच्चों में संवादहीनता की स्थिति न आने दें।

- बच्चों में आपस में हीनभावना न पनपने दें।

- प्रयास करें कि आपके पैसे और आर्थिक दृष्टिकोण से सभी वाकिफ हों, ताकि उनके बीच कोई गलतफहमी न आए।

- ध्यान रखें, आपके बच्चों का 'विहेवियर पैटर्न' आप जैसा होता है। अतः अपने व्यवहार को संतुलित एवं संयमित रखें।

- भाई-बहन की आपस में दूरी का प्रमुख कारण माता-पिता का तुलनात्मक व्यवहार होता है। अतः ऐसा न करें

समाप्त

वेबदुनिया पर पढ़ें