रक्षाबंधन के 5 हिट फिल्मी पारंपरिक गाने

प्रीति सोनी 
फिल्में हमारे समाज का ही आइना होती हैं जो हमारे जीवन से जुड़े हर पहलू को पर्दे पर आकार देती है। शुरूआत से ही प्यार-मोहब्बत, होली-दि‍वाली से लेकर हर धर्म और त्यौहारों को फिल्मों में महत्व दिया और उनसे जुड़े फिल्मी गाने, इन त्यौहारों की पहचान बन कर उभरे। रक्षाबंधन को लेकर भी बॉलीवुड में कुछ गाने बेहद लोकप्रि‍य हैं, जो आम दिनों में भी सुने जाएं तो राखी की याद दिलाते हैं। आइए नजर डालते हैं जरा इन पारंपरिक गानों पर - 
 

 
 मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन.... तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज न लूं ...
अहा, भाई के प्रति प्यार, दुलार के भावों से भरा यह गाना जब भी कानों में गूंजता है,  भाई के प्रति बहन के अनन्य और समर्पित प्रेम भाव से दिल मधुरता से भर जाता है। अगर आप भाई बहनों में कोई अनबन हो जाए, तो यह गाना भाई की काफी मदद कर सकता है, बहन को चिढ़ाने में ... और बहन की मदद कर सकता है, प्यारे भैया को मनाने में।
 
 बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है, प्यार के दो तार से संसार बांधा है, रेशम की डोरी से संसार बांधा है ...
सच ही तो है, बहन के प्रेम के बगैर तो राखी को कोई मोल ही नहीं। बहन राखी की डोर के रूप में भैया की कलाई पर अपना ढेर सार प्यार और शुभकामनाएं ही तो बांधती है। और बहन का प्यार ही भाई का संसार होता है। 
 
 फूलों का तारों का, सबका कहना है... एक हजारों में मेरी बहना है.. सारी उमर हमें संग रहना है ...
हरे रामा, हरे कृष्णा फिल्म का यह प्यारा गाना किसे याद नहीं होगा। बहन को सबसे खास बताने वाले भाव से भरे इस गाने को सुनने के बाद, हर भाई को अपनी प्यारी बहन पर प्यार आ जाता है। नाजों से पली लाड़ली के प्रति मन के भावों को जाहिर करता यह गाना, आज भी भाई बहनों की पहली पसंद बना हुआ है। 
 
 भैया मेरे, राखी के बंधन को निभाना, भैया मेरे छोटी बहन को ना भुलाना, देखो ये वादा निभाना, निभाना ....
छोटी बहन और बड़े भैया के बीच का मिठास से भरा प्यारा रिश्ता इस गाने में हर कोई महसूस कर सकता है। छोटी बहन की यूं तो कई फरमाइशें लगी रहती है, लेकिन भैया से राखी के बंधन को निभाने की यह मनुहार सुनकर हर किसी को प्यार आ ही जाता है। 
 
हम बहनों के लिए मेरे भैया, आता है इक दिन साल में ...
आज के दिन मैं जहां भी रहूं, चले आना वहां हर हाल में ...
 
पराई होती बहन की मासूम की गुजारिश, किसका मन नहीं पिघलाती होगी भला। हम बहनों के लिए साल में एक दिन आने वाले पर्व पर हर साल, हर हाल में भाई को उपस्थि‍त रहने की भावों से भरी यह अरज, शायद भाई की आंखे नम करने के लिए काफी हैं।

वेबदुनिया पर पढ़ें