प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी, हरिशयनी तथा पद्मा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन से भगवान विष्णु चार मास के लिए क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होने के कारण अगले चार महीनों तक विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार जैसे सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। इस बार देवशयनी एकादशी 6 जुलाई, दिन रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन श्रीहरि विष्णु के अलावा माता तुलसी की पूजा करने का भी लाभ मिलता है।