2. बहन भाई के लिए मिठाई, राखी या सूत का धागा, नारियल आदि अपने घर से लाती है।
3. इसके अलावा तिलक करने के लिए कुंकु व अक्षत, सिर पर रखने के लिए छोटा रुमाल अथवा टोपी रहती है।
5. पूजा की थाली में कुंकु, चावल, मिठाई, नारियल, राखी आदि रखकर दीप जलाती है।
6. फिर भाई के हाथों में नारियल और सवा रुपया रखकर इसके बाद कुंकु, हल्दी और अक्षत से तिलक लगाती हैं।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।
9. इसके बाद बहन भाई की आरती उतारती है और लोटे में भरा जल आसपास छोड़ती है। साथ ही भाई की उन्नती, सेहत और सुख के लिए मनोकामना करती है।