ज्योतिषियों के अनुसार पर्व के चार दिन पहले गुरु का मार्गी होना भी इसकी शुभता को और बढ़ाएगा। 15 अगस्त को गुरुवार के दिन श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण तथा मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
इस बार रक्षा बंधन का पर्व भद्रा के दोष से मुक्त है। गुरुवार के दिन श्रवण नक्षत्र तथा सौभाग्य योग का संयोग कम ही बनता है। रक्षा बंधन के ठीक चार दिन पहले देव गुरु बृहस्पति मार्गी हो रहे हैं। मार्गी गुरु की साक्षी में इस प्रकार का पर्व काल शुभ माना गया है। इस दिन हयग्रीव जयंती भी है, साथ ही रात में 9.40 से पंचक की शुरुआत हो रही है। पूर्णिमा तिथि पर उत्तरार्ध के भाग में पंचक के नक्षत्र का रात्रि अनुक्रम त्योहार की शुभता को पांच गुना बढ़ा देता है। श्रावणी पूर्णिमा पर यजुर्वेदीय ब्राह्मणों का श्रावणी उपाकर्म भी होगा।
रक्षा बंधन की तिथि 15 अगस्त 2019
रक्षा बंधन का शुभू मुहूर्त
रक्षा बंधन अनुष्ठान का समय- सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शाम 5 बजकर 58 मिनट
अपराह्न मुहूर्त- दिन में 1 बजकर 43 मिनट से शाम 4 बजकर 20 मिनट तक
पूर्णिमा तिथि आरंभ – दिन में 3 बजकर 45 से (14 अगस्त 2019) पूर्णिमा तिथि समाप्त- शाम 5 बजकर 58 तक (15 अगस्त 2019)