राखी का त्योहार आ रहा है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी का बंधन बांधने के लिए नाना प्रकार की राखियां खरीदने के लिए बाजार में जा रही हैं।
पहली बार मां लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी। राजा बलि के यज्ञ में विष्णुजी वामन अवतार लेकर पहुंचे थे और उनसे 3 डग जमीन मांगी। राजा बलि ने देने का संकल्प लिया तो वामन भगवान ने एक डग में पूरी पृथ्वी व दूसरे में आकाश नाप लिया।
अब तीसरा पग कहां रखें? ऐसा भगवान के पूछने पर राजा बलि ने अपना सिर आगे कर दिया। तभी भगवान ने प्रसन्न होकर उनको कहा कि आप पाताल लोक में निवास करो, मैं सुदर्शन रूप में आपके द्वार पर रहूंगा।
तब माता ने उनको वापस लाने के लिए राजा बलि को राखी बांधी। जब उन्होंने राखी का बंधन बांधा था, तब उस दिन श्रावण माह की पूर्णिमा थी व श्रवण नक्षत्र था। तब से ही बहनें अपने भाइयों को रक्षाबंधन बांध रही हैं।
यह रक्षा का बंधन शुभ मुहूर्त में बांधें ताकि आपका भाई खुश व प्रसन्न रहे और आपकी रक्षा कर सके।