ग्रहण के समय मकर राशि स्थित चंद्रमा पर सूर्य व नीच राशि में स्थित मंगल और शनि की कुदृष्टि रहेगी। यह अराजकता, लूटपाट, अपहरण व खडी फसलों के लिए नुकसानदेह साबित होगी। साथ ही धान्य, चावल, तेल में तेजी होगी। यवन राष्ट्रों में प्राकृतिक प्रकोप, असामाजिक तत्वों का बोलबाला रहेगा। साथ ही पर्वतीय भाग जैसे कि कश्मीर, भूटान, अरुणाचल प्रदेश में भी प्राकृतिक आपदाएं आ सकती है। राजनीतिज्ञों में आपसी मनमुटाव रहेगा।
इन देशों में दिखाई देगा
भारत के साथ सम्पूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिणी अमरिका के पश्चिमी भाग और हिंद महासागर, पेसिफिक महासागर में दिखाई देगा।
रक्षाबंधन पर 9 वर्ष बाद ग्रहण
ग्रहण का संयोग 9 वर्ष बाद बन रहा है। आखिरी बार 16 अगस्त 2008 में पर्व पर खंडग्रास चंद्रग्रहण हुआ था।
यह चंद्रग्रहण मकर राशि और श्रवण नक्षत्र में होगा। इसलिए अलग-अलग राशियों पर ग्रहण का अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। ग्रहण के प्रभाव से मेष, सिंह, कन्या, वृश्चिक और मीन ये पांच राशियों की किस्मत चमकने वाली है। इन राशियों वाले लोग यदि बेरोजगार हैं तो इन्हें उच्च पद वाली नौकरी मिलेगी। अविवाहित हैं तो विवाह पक्का हो जाएगा, संतान नहीं है तो संतान की प्राप्ति होगी और यदि धन की कमी से जूझ रहे हैं तो धन की प्राप्ति होगी।
वृषभ, कर्क और धनु राशि वालों के लिए ग्रहण मिश्रित फलदायी रहेगा। यानी उनके कुछ काम अच्छे होंगे तो कुछ में बाधाएं भी आएंगी। चूंकि ग्रहण मकर राशि पर है इसलिए मकर के साथ मिथुन, तुला और कुंभ राशियां बुरे प्रभाव से गुजरेंगी। इन राशि वालों को मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ेगा। स्वास्थ्य खराब होगा, धन की हानि होने के संकेत हैं। इन राशि वाले भगवान शिव की विशेष आराधना पूजा करें। ग्रहण काल में ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना सभी राशि वालों के लिए शुभ रहेगा।