ग्रहण व भद्रा के चलते बहुत कम समय ही रक्षाबंधन के लिए श्रेष्ठ रहेगा। 7 अगस्त दिन सोमवार को पूर्वार्ध की भद्रा रहेगी। शास्त्रानुसार भद्रा दिन में त्याज्य मानी जाती है। रक्षाबंधन के दिन 10 बजकर 24 मिनिट तक भद्रा रहेगी। वहीं ग्रहण का सूतक दोपहर 1 बजकर 29 मिनिट से प्रारंभ होगा। यद्यपि रक्षाबंधन के दिन भद्रा का वास पाताललोक में होने के कारण यह विशेष अशुभ नहीं होगी। मृत्युलोक की भद्रा विशेष अशुभ मानी जाती है। अत: रक्षाबंधन के मुहूर्त में सूतक व भद्रा विचार आवश्यक है।