श्रीराम : भारत का चरित्र

- स्वामी अवधेशानंद गिरि

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श्रीराम का जन्म केवल इसलिए नहीं हुआ कि राज दशरथ को एक पुत्र चाहिए था, बल्कि श्रीराम का जन्म लोकतारण के लिए, लोक कल्याण के लिए हुआ है।

श्रीराम साक्षात धर्म हैं। राम आनंद हैं। राम ब्रह्म हैं। राम चरित्र हैं। यही नहीं इस राष्ट्र का अर्थात हमारे भारत का चरित्र श्रीराम हैं।

यदि विश्व में एकता आ सकती है तो उसका मार्ग अध्यात्म की ही गली से जाता है।

आज हम जो भी हैं, वह अपनी सोच, विचार और चिंतन का परिणाम है। अध्यात्म से शुद्ध अंतःकरण का निर्माण होता है। अध्यात्म से हम अपने स्वभाव की ओर लौटते हैं।

मनुष्य का स्वभाव है कि वह दुख नहीं चाहता, चिंता नहीं चाहता, वह स्वतंत्र, स्वावलंबी, प्रसन्न और सुखी रहना चाहता है।

इस परम आनंद का मार्ग भी अध्यात्म है। पिछले तीन दशक से आतंक का उद्भव हुआ है। इसका समाधान भी अध्यात्म है।

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