व्रत पूरे होने पर मनाएंगे।
शुभ कार्यों के साथ ही यह दिन भूमि, भवन, वाहन व ज्वेलरी आदि खरीदने के लिए सर्वाधिक श्रेष्ठ दिन रहेगा। इस दिन की गई खरीद-फरोख्त समृद्धिदायी रहेगी क्योंकि पुष्य नक्षत्र समेत कई अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
अष्टमी व नवमी की पूजा एक साथ होगी और राम नवमी भी इसी दिन मनाया जाना उचित रहेगा। वजह है नवमी तिथि व पुष्य नक्षत्र योग एक साथ होना। हालांकि अगले दिन 14 अप्रैल को भी बहुत से लोग दुर्गा सप्तशती पाठ व नौ दिनी व्रत पूरे होने पर नवमी पूजा करेंगे। 13 अप्रैल को ही राम नवमी मनाया शास्त्र सम्मत रहेगा। जवारे विसर्जन नवमी व दशमी तिथि पर किए जा सकेंगे।