'रा' कहत मुख निकसे, निकसत पाप पहाड़। 'म' ऐसा धूर्त है, जो चट बंद करत किवाड़।
यह संसार स्वार्थ से भरा हुआ है। मनुष्य हमेशा अपने स्वार्थ में लगा रहता है। 'यह मेरा, यह तेरा है'। हर सुख-वैभव के लिए मनुष्य अपना जीवन खत्म कर देता है, परंतु मोक्ष के लिए प्रभु श्रीराम का स्मरण नहीं करता। और जो करता है, वह भवसागर से तर जाता है।
'तोड़ो तेरा-मेरा बंधन, कोई नहीं है तेरा/ बीच भंवर में नैया तेरी, राम है एक किनारा।'
इस स्वार्थरूपी भंवर से राम नाम की नैया ही किनारे लगा सकती है।
भगवान श्रीराम से रामनवमी पर आशीर्वाद मांगें कि हे परमात्मा, मेरे शरीर, मन और बुद्धि की रक्षा करना। साथ ही इस मंत्र का पाठ करें-
इसके साथ ही भगवान शिव, हनुमान एवं गुरुजनों से आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी दिनचर्या प्रारंभ करें। इससे आपके मन के सारे मनोरथ पूर्ण होंगे। 'राम' शब्द के उच्चारण मात्र से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। राम से विनती कर आराधना कीजिए।