नवमी तिथि का शास्त्रों में बहुत महत्व बताया गया है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को राम नवमी के रूप में उत्साह और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम का पूजन और वंदन करने से सुख, समृद्धि और शांति बढ़ती है। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- यह बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र दिन है। इस दिन बैंगन, कटहल, प्याज, लहसुन और किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
श्रीराम नवमी पर क्या खाएं :
- इस दिन कढ़ी, पुरणपोली खाएं।
- इस दिन खीर, पूरी, साग, भजिए का सेवन करें।
- इस दिन हलवा, कद्दू या आलू की सब्जी बनाई जा सकती है।
- इस दिन माता दुर्गा और श्रीराम को भोग लगाने के बाद ही भोजन किया जाता है।
1. नवमी तिथि चंद्र मास के दोनों पक्षों में आती है। इस तिथि की स्वामिनी देवी माता दुर्गा है। यह तिथि रिक्ता तिथियों में से एक है। रिक्ता अर्थात खाली। इस तिथि में किए गए कार्यों की कार्यसिद्धि रिक्त होती है। यहीं कारण है कि इस तिथि में समस्त शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। मात्र माता या श्रीराम की पूजा ही फलदायी होती है।
2. यह तिथि चैत्र माह में शून्य संज्ञक होती है और इसकी दिशा पूर्व है। शनिवार को सिद्धदा और गुरुवार को मृत्युदा मानी गई है। अर्थात शनिवार को किए गए कार्य में सफलता मिलती है और गुरुवार को किए गए कार्य में सफलता की कोई गारंटी नहीं। इस बार राम नवमी या दुर्गा नवमी दिन गुरुवार, 30 मार्च 2023 को है।