हर सजदा, हर दुआ, हर नेकी रमजान में तुम्हें और करीब लाएगी उस रब के,...कुछ इस तरह अपनों को दें रमजान की मुबारकबाद

WD Feature Desk

शनिवार, 15 मार्च 2025 (17:51 IST)
Ramadan Mubarak Message 2025: रमजान का महीना रहमत, बरकत और मगफिरत का होता है, जो हमें इबादत, सब्र और नेकी की राह पर चलने का पैगाम देता है। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार  रमजान का मुबारक महीना आ ही गया। इस पाक महीने में मुसलमान बहुत ही ज्यादा खुश होते हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों को कोट्स भेजते हैं। अगर आप भी इसी में से एक हैं, तो यह लेख आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे कोट्स जिसे आप भी अपनों को भेज सकते हैं।

1- रमजान सब्र और इबादत का महीना है,
जिसमें हर दुआ सुनी जाती है और
हर नेकी का सवाब बढ़ा दिया जाता है,
इसलिए आप कसरत से दुआ करें और हमें याद रखें।

2-रहमतों की बारिश में खुद को भिगो लो,
अल्लाह की इबादत में दिल को डुबो लो,
नहीं आएगा वापस यह पल, मगर आता रहेगा यह महीना।

3-हर सजदा, हर दुआ, हर नेकी रमजान में
तुम्हें और करीब लाएगी उस रब के,
जो सबसे ज्यादा रहम करने वाला है,
इसलिए इस मौके का फायदा उठाएं और इबादत करें।

4-रमजान का हर रोजा हमें सिखाता है,
सब्र सबसे बड़ी इबादत है और नेकी का फल हमेशा मीठा होता है,
अल्लाह से दुआ है कि आपको यह फल जरूर मिले और दिल को सुकून मिले।

5-जो मांगा सच्चे दिल से, रमजान में वो कबूल होता है,
क्योंकि अल्लाह के दरबार में देर है, अंधेर नहीं,
इसलिए हमें भी दुआओं में याद रखना
और इस रमजान ढेर सारी इबादत करना।

6-रहमतों का महीना आया है, नूर लेकर,
हर रोजा इबादत का है एक सफर...
बंदगी में झुक जाए जो सिर सच्चे दिल से,
उसे मिलता है जन्नत का रहगुजर!

7-चांद ने फिर से रोशनी बिखेरी है,
रहमतों की हवा अब चल पड़ी है...
खुशियां लाए ये पाक महीना,
हर दुआ में अब बरकत पड़ी है।

8-रोजे सिर्फ भूख-प्यास सहने का नाम नहीं,
बल्कि अपनी रूह को पाक करने और अल्लाह के करीब जाने का जरिया हैं,
रोजा रखें और अपने रब को याद करें।

9-रमजान आया है रौशनी लेकर,
खुशियों की सौगात खुदा से लेकर...
हर इबादत कबूल होगी इस माह में,
बस दिल को रखना सच्चाई से भरकर।

10-सहर की ठंडी हवा कहती है,
रोजा रख, सब्र से रहमत बरसेगी...
इफ्तार की हर मिठास कहती है,
दुआ कर, तेरी तक़दीर चमकेगी।

11-रहमत, मग़फिरत और जन्नत का पैगाम है,
रमजान के रोजों में खुदा का इनाम है...
हर दुआ कुबूल हो इस पाक महीने में,
बस दिल में यकीन और इबादत का अरमान है।

12- रहमतों की बरसात लेकर आया है रमजान,
दुआओं की सौगात लेकर आया है रमजान।
नेकी का पैगाम देता है हर रोजा,
सब्र और बंदगी का एहसास कराता है रमजान।

13- सजदे में झुका जो, वो पास खुदा के हो गया,
रोजे रखे जिसने, पाक दुआओं से रोशन हो गया।
हर दुआ कबूल होती है इस पाक महीने में,
रहमते-बरकतों से हर घर रोशन हो गया

14- इबादत की रौशनी से दिल को सजा लो,
रहमतों की बारिश में खुद को भिगो लो।
रोज़ा, नमाज, जकात से पाक करो रूह को,
इस रमजान अल्लाह को अपना बना लो।

15- चांदनी रातों में नूर बरसने लगा,
रमजान का महीना दिलों में बसने लगा।
हर रोजा, हर सजदा, हर दुआ है गवाह,
अल्लाह का करम हम पे बरसने लगा।



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