Ramzan Health: रमज़ान के महीने में रोज़ों के कारण खानपान का समय बदल जाता है। इतना ही नहीं, रमज़ान में तले हुए और ज़्यादा मसालों के व्यंजनों की भरमार रहती है। रमज़ान के विशेष व्यंजन फैनी, सेवइयां और खजला आदि हैं। इनके अलावा मीठी डबल रोटी भी सहरी का एक विशेष व्यंजन है। यह मीठी डबल रोटी रमज़ान में ही ज़्यादा मिलती है।
इफ़्तारी में आलू, प्याज़, पालक, पनीर आदि के पकौड़े और मसालेदार चने भी होते हैं। खाने में बिरयानी, नहारी, क़ौरमा, क़ीमा, नरगिसी कोफ़्ते, कबाब और विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होते हैं। इन्हें रोटी, रुमाली रोटी या नान आदि के साथ खाया जाता है। मीठे में ज़र्दा, शाही टुकड़े, फिरनी और हलवा-परांठा आदि होता है।
इफ़्तारी में शिकंजी और शर्बत ख़ूब पिए जाते हैं और फल खाए जाते हैं। इतना ही नहीं, फलों की चाट में चीनी डाली जाती है। इफ़्तारी में जलेबियां भी खाई जाती हैं। फिर सहरी में दूध जलेबी, खजला, फैनी और मीठी डबल रोटी जैसे मीठे व्यंजन ख़ूब खाए जाते हैं। इससे रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इसी प्रकार इफ़्तारी में ज़्यादा तला हुआ और मसालेदार खाना खाने के कारण अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
शुगर के मरीज़ों को मीठा खाने से बचना चाहिए। रक्तचाप के मरीज़ों को भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते उन चीज़ों से बचना चाहिए, जो उनके लिए नुक़सानदेह हैं। जिन्हें कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उन्हें ज़्यादा तेल मसालों वाले खाने से परहेज़ करना चाहिए। दिल के मरीज़ों को भी तली हुई और मसालेदार चीज़ों से बचना चाहिए। थायरॉइड के मरीज़ों को भी खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।