रामभक्त हनुमानजी सर्वशक्तिमान और सर्वमान्य और सर्वज्ञ है। शोधानुसार प्रभु श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व अयोध्या में हुआ था, जबकि हनुमनाजी का जन्म कहां हुआ था यह स्पष्ट नहीं है। कपिस्थल या किष्किंधा में उनके जन्म होने की बात कही जाती है।
5. पहली तिथि के अनुसार इस दिन हनुमानजी सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े थे, उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था लेकिन हनुमानजी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया। इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा थी जबकि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को उनका जन्म हुआ हुआ था।