संकट से उबरने का तरिका राम है...उत्साह से भर देगी श्री राम की यह अनोखी कविता

Shri Ram Poem
भारत में राम के आने की प्रतीक्षा अब बबास कुछ ही दिनों में खत्म होनी वाली है। यानी 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर (shri ram mandir ayodhya) की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। मंदिर में होने वाले कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। पूरे भारत में श्री राम अयोध्या मंदिर के लिए बहुत उत्साह है। ALSO READ: पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 11 दिनों तक कौनसे व्रत अनुष्ठान का पालन करेंगे?

सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि हर राज्य में 22 जनवरी की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस खास मौके पर वेबदुनिया आपके लिए लेकर आया है श्री राम से जुड़ी खास कविता (shri ram par kavita)। यह कविता कवि प्रदीप नवीन द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक दो अक्षर का नाम है।
 
संकट से उबरने का तरिका राम है ,
अति  सहज  सरल दो  अक्षर  का  नाम है।
 
रावण रूपी वृक्ष खडे हैं जीवन की हर राह में,
एक नहीं देता है छाया विध्न बनें सब चाह में।
ध्यान  राम  का  मन  में हो  तो,
हर  पल  सुख  विश्राम है,
संकट से उबरने का तरिका राम है।
 
मझधारे हो डगमग नैया ओर  संकट  हो  सामने,
देखके  मानव  को दुविधा  में
राम  ही  आएं  थामने।
 
लहरों  में  न  खोने  देता
बढ़कर  लेता  थाम  है
संकट से उबरने का तरिका राम है।
दूर बहुत लगते हैं तीरथ
मन  में  रहती  आस  है,
ढोंग दिखावे की पूजा तो
तन  को  देती  त्रास  है।
 
राम नाम के अक्षर में ही
बसते  चारों  धाम  है ,
संकट से उबरने का तरिका राम है।
 
जनक  पुत्री  सीता  के स्वामी
माया   अपरंपार   है,
हृदय  पटल  पर अंकित कर  लो
दर्शन   बारंबार   है।
राम  ध्यान  में  सात जनम  की
सुंदर   सुबह   शाम  है,
संकट से उबरने का तरिका राम है। -प्रदीप नवीन
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