दाल ढोकली

- श्रीमती सरोज कृष्णदास नीमा
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सामग्री (चार व्यक्तियों के लिए) :
1 कि.ग्रा. गेहूँ का आटा, 200 ग्राम तुवर की दाल, 2 लीटर पानी (ढोकली उबालने के लिए), एक प्याला तेल (मोयन के लिए), 4 छोटे चम्मच पिसा जीरा, एक चम्मच हल्दी पावडर, हींग (तड़का लगाने के लिए), दो हरी मिर्च, राई, पिसी लाल मिर्च एवं स्वादानुसार नमक, 1 कटोरी देसी घी।

विधि :
बनाने के दो घंटे पूर्व दाल धोकर गला दें। गेहूँ के आटे में नमक, हल्दी, पिसा जीरा व मोयन मिलाकर बाटी के आटे जैसा बाँध लें। दाल को कूकर में एक सीटी आने तक पका लें। आटे की बड़ी-बड़ी लोइयाँ बना लें। इन्हें थाली उल्टी रखकर पतला-पतला बेल लें।

इस पर थोड़ा तेल का हाथ लगाकर वापस पलट दें, ताकि लगा हुआ तेल ढँक जाए। इसके अब चौकोर टुकड़े काट लें। इस प्रकार सारी लोई बेल कर व टुकड़े करके तैयार कर लें। गैस पर बड़े तपेले में 2 लीटर पानी गरम होने तक रखें।

जब पानी उबलने लगे तो कूकर वाली दाल इसमें मिला दें एवं एक-एक करके बेली हुई रोटी के चौकोर टुकड़े भी डाल दें। जब उबाल आ जाए तो इसमें नमक व हल्दी मिला दें।
गेहूँ के आटे में नमक, हल्दी, पिसा जीरा व मोयन मिलाकर बाटी के आटे जैसा बाँध लें। आटे की बड़ी-बड़ी लोइयाँ बना लें।


आँच धीमी करके बीच-बीच में चलाती रहें। थोड़ा तेल लेकर हरी मिर्च, लाल मिर्च, हींग, राई, पिसी धनिया पावडर से तड़का भी लगा दें। 10 से 12 मिनट बाद दाल ढोकली तैयार है। थाली में निकालकर दो-दो चम्मच देसी घी डालकर परोसें व वर्षा ऋतु का आनंद लें। घी पिघलाकर ही डालें।

नोट : यह व्यंजन गरमागरम ही परोसा जाता है। ठंडा होने पर सारा मजा किरकिरा हो जाता है।