माकपा नेताओं को कोर्ट का नोटिस

शुक्रवार, 11 जनवरी 2008 (21:12 IST)
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि वाम मोर्चे के अध्यक्ष बिमान बोस सहित तीन माकपा नेताओं को अवमानना नोटिस जारी किया जाए। नंदीग्राम में 14 मार्च, 2006 को हुई पुलिस फायरिंग पर अदालत के आदेश पर कथित रूप से अप्रिय टिप्पणी करने के लिए नोटिस जारी किए गए।

अदालत ने फायरिंग को असंवैधानिक और अनुचित बताया था। मुख्य न्यायाधीश एसएस निज्जर और न्यायमूर्ति पीसी घोष की एक खंडपीठ ने निर्देश दिया कि अदालत का रजिस्ट्रार तीनों राजनीतिक नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करे कि क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना नियम जारी किया जाए। अदालत दो हफ्ते के बाद मामले पर सुनवाई करेगी।

बार लाइब्रेरी क्लब तथा कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दो याचिकाएँ दायर कर बोस के अलावा माकपा की केन्द्रीय समिति के सदस्यों बिनय कोनार और श्यामल चक्रवर्ती के खिलाफ अवमानना प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया था।

तीनों नेताओं ने आदेश के एक दिन बाद 17 नवंबर को एक जनसभा में अदालत के आदेश पर कथित रूप से टिप्पणी की थी। आदेश में पश्चिम बंगाल सरकार से भी कहा गया था कि वह 14 मार्च को पुलिस कार्रवाई में मारे गए 14 लोगों में प्रत्येक को पाँच लाख रुपए बतौर मुआवजा दें।

बोस ने कथित रूप से अदालत के आदेश को हस्तक्षेप बताया। दोनों अन्य माकपा नेताओं ने कथित रूप से न्यायपालिका के खिलाफ अप्रिय टिप्पणी की थी।

इसी खंडपीठ ने 16 नवंबर को फायरिंग को उचित ठहराने संबंधी राज्य सरकार की दलील को ठुकराते हुए निर्देश दिया कि सीबीआई की इस मामले में जाँच जारी रहेगी। उसने सीबीआई से एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

उसने यह निर्देश भी दिया था कि जिनके साथ बलात्कार हुआ उनमें से प्रत्येक को दो लाख रुपए तथा घायलों में प्रत्येक को एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।

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