सिमी आतंकी न्यायिक हिरासत में

प्रेमविजय पाटिल

शुक्रवार, 11 अप्रैल 2008 (21:46 IST)
कड़ी सुरक्षा के बीच एक बार फिर सिमी के मुख्य आतंकवादी सफदर नागौरी सहित 13 आरोपियों को यहाँ शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया। इन आरोपियों को 25 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जिन्हें इंदौर की केंद्रीय जेल में पुख्ता सुरक्षा में रखने के निर्देश दिए गए हैं।

इस बीच उज्जैन से आरोपियों की ओर से पैरवी करने आए अभिभाषक के साथ न्यायालय परिसर में मारपीट की गई। लौटते वक्त अभिभाषकों ने भी आरोपियों के वकील को लेकर जमकर नारेबाजी व टिप्पणी की। अत्यधिक सुरक्षा में अभिभाषक को यहाँ से ले जाया गया है। वहीं दिल्ली पुलिस ने सफदर नागौरी की औपचारिक रूप से गिरफ्तारी ले ली है।

गौरतलब है कि मार्च माह में सफदर नागौरी सहित 13 सिमी से जुड़े लोगों को देशद्रोह के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इनके पास से हथियार व आपत्ति जनक दस्तावेज मिलें थे। इस पर प्रकरण दर्ज कर पीथमपुर पुलिस ने 28 मार्च को उक्त न्यायालय में प्रस्तुत किया था। जहाँ से 11 अप्रैल के अपरान्ह तीन बजे तक पुलिस रिमांड की अनुमति दी गई थी।

आज रिमांड की अवधि समाप्त होने पर इन आरोपियों को एक बार फिर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एसएस ठाकुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पीथमपुर व जिले की पुलिस ने कहा कि इनकी पूछताछ पूरी हो चुकी है इसलिए वे आरोपियों को प्रस्तुत कर रहें हैं। इसके बाद आरोपियों को 25 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

जिला अभियोजन अधिकारी अशोक कुमार चौरे ने बताया कि पीथमपुर पुलिस ने आज 13 आरोपियों को यहाँ प्रस्तुत किया था। जिस पर न्यायालय ने 25 अप्रैल तक उन्हें न्यायिक हिरासत में इंदौर की केंद्रीय जेल में रखे जाने के आदेश दिए है। साथ ही जेल में कड़ी सुरक्षा का भी कहा है।

वकील के दोनों आवेदन निरस्त आरोपियों की ओर से उज्जैन से आए अभिभाषक नूर मोहमम्द ने न्यायालय में दो आवेदन प्रस्तुत किए थे। इस आवेदन में आरोपियों की सुरक्षा के विशेष इंतजाम की माँग की गई थीं। साथ ही पूरे मामले की जाँच करने को कहा गया था। अभियोजन अधिकारी चौरे ने बताया कि दोनों ही आवेदन न्यायालय ने निरस्त कर दिए है।

वकील के साथ हुई मारपीट : चौरे ने यह पूछा था कि नूर मोहम्मद जो कि अपने आप को आरोपियों का वकील बता रहा है वह क्या सहीं में उनका वकील है। इस पर आरोपियों ने नूर मोहम्मद को अपना वकील होना स्वीकार किया।

इधर अभिभाषक नूर मोहम्मद के साथ न्यायालय परिसर में मारपीट की गई जो कि सिमी के आतंकी के वकील के रूप में यहाँ आए थे। उनके द्वारा जारी प्रेसनोट के बाद लोग आक्रोशित हुए। साथ ही वकील के न्यायालय से लौटने पर कुछ अभिभाषकों ने अभद्र टिप्पणी कर नारेबाजी की।

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