श्रीनगर। स्वतंत्रता दिवस को कश्मीर में प्रलय के दिन के रूप में लिया जा रहा है। उसकी उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है। आतंकवादियों की दहशत के कारण आतंकवादग्रस्त दूरस्थ दुर्गम इलाकों से कई उन गांवों के लोगों ने अस्थाई तौर पर पलायन किया है जिन्हें आतंकवादियों ने पोस्टर लगा कर 15 अगस्त की बजाय 14 अगस्त को आजादी का दिन मनाने के लिए कहा है।
पिछले कई दिनों से कश्मीरियों को गहन तलाशी अभियानों के दौर से गुजरना पड़ रहा है। लंबी-लंबी कतारों में खड़े कश्मीरियों को तलाशी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। हालत यह है कि कई स्थानों पर सुरक्षाकर्मी राहगीरों से एक-दूसरे की तलाशी लेने पर जोर इसलिए डालते थे क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं कोई मानव बम न हो और वह फूट न जाए। एक सुरक्षाधिकारी का कहना था :‘हम तलाशी अभियान छेड़ने पर मजबूर हैं क्योंकि आतंकी खतरा बहुत ज्यादा है इस बार।’