नाइट फ्रैंक के वहनीयता सूचकांक में 2010 से 2021 तक आठ प्रमुख शहरों में लगातार सुधार देखा गया। खासतौर से महामारी के दौरान जब आरबीआई ने रेपो दर में कटौती की, तो ऐसा हुआ। हालांकि दो बार में रेपो दर में 0.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी के चलते इन शहरों में घर खरीदने की क्षमता में औसतन दो प्रतिशत की कमी हुई।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में घर खरीदना कठिन हुआ है। उन्होंने कहा, प्रमुख बाजारों में वहनीयता औसतन 2-3 प्रतिशत घटी है। हालांकि दरों में बढ़ोतरी के बावजूद, बाजार काफी हद तक किफायती हैं।
आंकड़ों के अनुसार 2022 की पहली छमाही में मुंबई देश का सबसे महंगा आवासीय बाजार था और इसका वहनीयता सूचकांक 53 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हो गया। हैदराबाद देश का दूसरा सबसे महंगा आवासीय बाजार है, जबकि दिल्ली-एनसीआर तीसरे स्थान पर है।(भाषा)