पवार ने मनसे के नेता का नाम लिए बिना कहा कि सरकार के साथ किसी को चेतावनीभरे लहजे में बात नहीं करनी चाहिए। यह कोई तानाशाही नहीं है। अगर आप अपने घर के अंदर, अपने परिवार के सदस्यों को अल्टीमेटम देना चाहते हैं तो दें, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन अगर कोई सार्वजिनक रूप से ऐसी कोई टिप्पणी करेगा तो याद रखें कि सरकार और देश कानून तथा संविधान के अनुरूप चलता है और कानून सभी के लिए बराबर हैं।
पवार ने कहा कि लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना आसान है लेकिन जहां तक उच्चतम न्यायालय का आदेश लागू करने की बात है तो सभी धार्मिक स्थलों को इसका पालन करना होगा। उन्होंने महाराष्ट्र के सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति लेने और उसका ध्वनि स्तर उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप रखने का आग्रह किया।
पवार ने कहा कि किसी को भी भावनात्मक अपील का शिकार नहीं होना चाहिए और लोगों को राज्य में उचित कानून व्यवस्था तथा सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए। अगर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने के लिए अनुमति नहीं ली गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सब कुछ कानून के अनुरूप किया जाएगा। कोई भी कानून अपने हाथ में ना ले। कानून अपना काम करेगा।