लखनऊ। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने शनिवार को चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश का हाथ पकड़कर मिलाने की कोशिश की तो अखिलेश ने झुककर झट चाचा के पैर छू लिए। सपा के रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेने आए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने भी शिवपाल और अखिलेश के हाथ विजयी मुद्रा में उठवाकर लोगों का अभिवादन किया। हालांकि इस घटनाक्रम से दोनों के बीच तल्खियां दूर नहीं हुई। दोनों ने मंच से ही एक-दूसरे पर तंज कसे।
चाचा शिवपाल ने जनेश्वर मिश्र पार्क के निर्माण के लिए भतीजे की जमकर तारीफ की। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में साफ किया कि वे मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते। मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश ने अच्छा काम किया है। साथ ही कहा कि जो सपा का काम नहीं करेगा, उसे पद पर नहीं रहना चाहिए। पद उसी के पास रहना चाहिए, जो ईमानदारी से काम करे और जिसके मन में त्याग की भावना है। शिवपाल सपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से स्पष्ट कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सपा के भीतर चाचा-भतीजे के बीच घमासान हो चुका है और सार्वजनिक रूप से दोनों के बीच की तल्खियां जनता ने देखीं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव को बर्खास्त कर दिया था। शायद यही दर्द शिवपाल ने बयां करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पद मिले न मिले, मैं इसलिए कहना चाहता हूं कि पद से बड़ा कोई व्यक्ति नहीं होता। लोहिया और जयप्रकाश नारायण पर कोई पद नहीं था। हम-आप उन्हीं के आदर्शों पर चलेंगे। उनसे प्रेरणा लेंगे।
उन्होंने कहा कि हम भरोसा दिलाते हैं कि कोई भी त्याग करना पड़े या कुर्बानी करना पड़े लेकिन हमेशा नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के आदेश का पालन होगा, चाहे मुझे बिना पद के रहना पड़े। मैं एक कार्यकर्ता के रूप में काम करने को तैयार हूं।