श्रीमती ठाकुर ने इस बारे में बुधवार को एक बयान जारी कर यहां बताया कि यह मुक़दमा 22 जून 2015 को गोमतीनगर थाने में दर्ज किया था, जिसमे तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा महिला आयोग की सहायता से उन्हें और ठाकुर को फर्जी रेप केस में फंसाने का आरोप लगाया गया था। अप्रैल 2017 में प्रजापति को मामले में गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया।