क्या डर गए कर्नाटक के 'उसैन बोल्ट' श्रीनिवास गौड़ा, ट्रायल से किया इंकार

सोमवार, 17 फ़रवरी 2020 (21:07 IST)
कर्नाटक के मुदाबिद्री के कंबाला रेस (भैंसा दौड़) के जॉकी श्रीनिवास गौड़ा उस समय अचानक सुर्खियों में आ गए थे, जब उनकी तुलना वर्ल्ड रिकॉर्डधारी ओलंपिक विजेता रनर उसैन बोल्ट से होने लगी थी। गौड़ा ने 145 मीटर की दूरी तय करने के लिए महज 13.62 सेकंड का समय लिया, जबकि 9.55 सेकंड में उन्होंने 100 मीटर की दूरी तय की।

गौड़ा की इस उपलब्धि के बाद उनकी तुलना बोल्ट से होने लगी, जिन्होंने 100 मीटर की दूरी 9.58 सेकंड में पूरी की थी, जो कि एक विश्व रिकॉर्ड भी है। इस खबर के सुर्खियां बटोरने के बीच केन्द्रीय खेलमंत्री किरण रिजिजू ने साई के शीर्ष कोचों की देखरेख में ट्रायल कराने का निर्देश भी दिया था। लेकिन साई के मुतबिक गौड़ा ने ट्रायल से इंकार कर दिया है।

क्या हुआ था मध्यप्रदेश के उसैन बोल्ट का हश्र : उल्लेखनीय है कि 2019 में मध्यप्रदेश में इससे मिलता-जुलता मामला सामने आया था, जब शिवपुरी के रामेश्वर गुर्जर नामक युवक ने 11 सेकंड में 100 मीटर की दूरी तय करने का दावा किया था, लेकिन रामेश्वर ने दौड़ 12.90 सेकंड में पूरी की थी और प्रतियोगियों में सबसे पीछे रहे थे।

उस समय रामेश्वर भी सोशल मीडिया की सुर्खी बन गए थे। तब उन्हें भी मध्य प्रदेश का उसैन बोल्ट कहा जाने लगा था। उस समय भी किरण रिजुजू ने ट्रायल का मौका देने की बात कही थी।

परंपरागत दौड़ ही जारी रखेंगे : गौड़ा के ट्रायल से इंकार करने के बाद यह माना जा रहा है कि वे डर गए हैं। गौड़ा ने कहा कि वे अपनी परंपरागत भैंसा दौड़ जारी रखना चाहते हैं। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि दोनों ही खेल अलग हैं। ट्रैक पर हम जहां अंगूठे के बल पर दौड़ते हैं, वहीं कंबाला दौड़ में एड़ियों का उपयोग करना होता है। कंबाला में भैंसे की भी अहम भूमिका होती है।

इधर येदियुरप्पा ने किया सम्मान : दूसरी ओर, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बीएस  येदियुरप्पा ने श्रीनिवास गौड़ा का सम्मान किया। मुख्‍यमंत्री ने शॉल, श्रीफल के साथ ही सम्मान पत्र भी प्रदान किया।

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