गहलोत ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि विवाह वैयक्तिक स्वतंत्रता का विषय है, जिस पर रोक लगाने के लिए कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है। यह कानून न्यायालय में टिक नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि प्रेम में जिहाद के लिए कोई स्थान नहीं है।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए लव जिहाद के नाम पर सामाजिक संघर्ष को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह संविधान के उन प्रावधानों के खिलाफ है, जिसके तहत नागरिकों में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है।