अनुयायी ने बताया कि स्वामी ने समाधि लेने की शुरुआत नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर से की थी। वहां उन्होंने 41 दिनों तक लगातार भू-समाधि ली थी। इससे खुश होकर नेपाल के महाराज वीरेन्द्र विक्रम शाह ने 11 हजार रुद्राक्ष और चांदी का मुकुट भेंट किया था। इसके बाद उन्होंने इसी मंदिर में 30 दिनों तक समाधि ली थी। इसके अतिरिक्त बाबा दिल्ली, नासिक आदि स्थानों पर समाधि ले चुके हैं।