कबीर ने संवाददाताओं से कहा कि 2025 तक मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद जैसी एक मस्जिद का निर्माण होगा। उन्होंने कहा, यह परियोजना 1992 में अयोध्या में ध्वस्त की गई ऐतिहासिक मस्जिद को एक श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने इसके निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय को एक साथ लाने का संकल्प लिया। मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद के भरतपुर से विधायक कबीर ने कहा कि मस्जिद राज्य की 34 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी की आकांक्षाओं को दर्शाएगी। उन्होंने कहा, मस्जिद बेलडांगा में बनेगी।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह राजनीतिक लाभ के लिए समुदायों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास है। उन्होंने कहा, तृणमूल इस तरह के भड़काऊ बयान देकर जानबूझकर आग से खेल रही है। हम मुख्यमंत्री से तत्काल स्पष्टीकरण देने की मांग करते हैं।
मुर्शिदाबाद से संबंध रखने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कबीर की टिप्पणी की आलोचना की और इसे गैर-जिम्मेदाराना और विभाजनकारी बताया। इस बीच, तृणमूल ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया।
उन्होंने आलोचनाओं के जवाब में कहा, इसका उद्देश्य विभाजन पैदा करना नहीं, विरासत को संरक्षित करना है। कबीर ने कहा, मैं बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर मुसलमानों द्वारा महसूस किए गए दर्द को केवल व्यक्त कर रहा था। मेरा बयान भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है, न कि भड़काने के इरादे को।