तीसरे विश्व युद्ध की अटकलें:-
वर्ष 2025 को लेकर सोशल मीडिया पर अभी से ही भविष्यवाणियां प्रारंभ हो चली हैं। ज्योतिष की दृष्टि से 2025 और 2026 को सबसे खतरनाक वर्ष बताया जा रहा है। क्योंकि इसी दौरान शनि, गुरु, राहु और केतु का महापरिवर्तन होने वाला है। वर्ष 2019 से देश और दुनिया में तेजी से बदलाव हुआ है। कोरोना महामारी के बाद तो दुनिया पूरी तरह से बदल गई है। यूक्रेन और रशिया में युद्ध चल रहा है। इजरायल और हमास में भी युद्ध चल रहा है। इस बीच ईरान का पाकिस्तान, अमेरिका और इजराइल से तनाव बढ़ गया है। इसी के साथ ही चीन और ताइवान रिश्ते भी तनाव में हैं। भारत को छोड़कर अधिकतर देशों में राजनीतिक अस्थिरता है, लेकिन अब भारत को भी अस्थिर करने के लिए आंदोलन की आड़ में देश विरोधी ताकतें सक्रिय हो चली हैं। दिल्ली को घरे जाने की साजिशें रची जा रही है। खैर..
तीसरे विश्व युद्ध की अवधारणा दशकों से गहन अटकलों और बहस का विषय रही है। जब से रूस और यूक्रेन, इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ा है तब से दुनिया में डर का माहौल है। दूसरी चीन ने ताइवान को अल्टीमेटम दे दिया है। सीरिया में हालात बेकाबू हो चले हैं। तीसरी ओर पाकिस्तान और बांग्लादेश के कारण भारत अब परेशान हो चुका है। चौथी ओर उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच भी तनाव चरम पर है। इन सभी के चलते अटकलें और भी ज्यादा बढ़ गई है कि अब निकट भविष्य में तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है। यदि वर्ल्ड वार हुआ तो आप जनता को क्या करना चाहिए?
लोगों का मत : दिसंबर 2022 इंटरनेशनल फर्म Ipsos की ओर से कराए गए एक सर्वे में शामिल 34 देशों के ज्यादातर लोगों ने माना कि जल्द ही तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है। भारत भी इस सर्वे का हिस्सा था, यहां करीब 79 प्रतिशत लोगों ने युद्ध की आशंका जताई।
क्या हो सकता है असुरक्षित देशों में: जैसा कि हमने देखा है कि यूक्रेन, फिलिस्तीन और लेबनान में मिसाइलों ने किस तरह की तबाही मचाई है। युद्ध में शहरी, औद्योगिक और सैन्य क्षेत्र निशाने पर रहते हैं। फिलिस्तीन और गाजा के अधिकतर शहर खंडहर में बदल चुके हैं। लाखों लोगों ने पलायन करके दूसरे देशों में शरण ले रखी है। हालांकि जिन परिवारों का उनके ही देश में सुरक्षित ठिकाना था वे सभी वहां शिफ्ट हो गए हैं। शहरों में जल और खाद्य संकट है।
सुरक्षित रहेंगे ग्रामीण और जंगली क्षेत्र : पहली खास बात: दुनिया के वे सभी इलाके युद्ध से सुरक्षित रहते हैं जो कि ठेठ ग्रामीण या जंगली क्षेत्र हैं। इंटिरियर इलाकों में युद्ध की आग नहीं पहुंचती है। यदि आप घनी शहरी आबादी में रहते हैं तो आपको भी सुरक्षित ठिकाने ढूंढना होंगे। यदि आप समाज और सरकार का सहयोग कर सकते हैं तो पहले अपने परिवार को सुरक्षित जगह पर रखें। उन इलाकों में अन्न जल का उतना संकट नहीं रहता है।
फार्म हाउस : यदि आप सक्षम हैं तो अपने फार्म हाउस को अपना सुरक्षित ठिकाना बनाएं। कोरोना काल के बाद अब लोगों की यह सोच बनती जा रही है कि जमीन का सुरक्षित घर और फार्म हाउस होना चाहिए जो कि शहर से इतनी दूर हो कि वहां पर आसानी से आया जा सके। फॉर्म हाउस पर आप जिंदा रहने के सभी जरूरी सामान जुटाकर रखें। जैसे लालटेन, सिगड़ी, मल्टीपल पेचकस, चकमक पत्थर, फोल्डिंग डंडा, घट्टी, सिलबट्टा और खल बत्ता, डायरेक्शन बताने वाला कंपास, सूखी खाद्य सामग्री, बैटरी या सेल वाला रेडियो, केटली और सुराही, मिक्सर, किचन का जरूरी सामान आदि। इसी के साथ ही सोलर सिस्टम लगाकर रखें।